मुस्लिम महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने में भारत सरकार की योजनाओं का बहुत कम प्रभाव
अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) मुंबई में ईरानी सांस्कृतिक केंद्र के हवाले से, 2012 में संघीय सरकार के अल्पसंख्यक मामलों की ओर से मुस्लिम महिलाओं की सामाजिक स्थिति के बारे में शोध के उद्देश्य के साथ ऐक आयोग का गठन किया गया था।
इस आयोग ने, महिलाओं की स्थिति पर सरकार की योजनाओं की जांच के बाद, एक रिपोर्ट तैयार व जमा की लेकिन यह रिपोर्ट पिछली सरकार (कांग्रेस) के समय में कुछ राजनीतिक कारणों की वजह रिलीज नहीं की गई।
इस रिपोर्ट में आया था कि सरकार की योजना जो कि मुस्लिम महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए प्रस्तुत हुई, उनकी स्थिति में सुधार लाने पर बहुत ही सीमित प्रभाव पड़ा है।
इसी तरह यह रिपोर्ट बताती है कि मौलाना आजाद शिक्षा फाउंडेशन जो कि केंद्र सरकार की ओर से मुसलमानों को 50 हजार रुपए तक ऋण देने का ट्रस्टी था, ने कहा कि महिलाओं के तीन बराबर पुरुषों ने इन ऋणों का इस्तेमाल किया है।
महिला अध्ययन केंद्र की पूर्व प्रमुख (Veena Poonacha) ने कहाः कि सरकार की योजनाऐं सब मिलाकर अच्छी थीं, लेकिन उनको लागू करने का तरीक़ा बहुत ही कमज़ोर था और कोई उद्देश्य नहीं था।
भारत में मुस्लिम समुदाय विशेष रूप से महिलाओं को बहुत सी समस्याओं का सामना है, और बहुत सी प्रस्तावित परियोजनाऐं कभी भी उनकी स्थिति में सुधार लाने के लिए सक्षम नहीं रहीं।